What is Risk Management in Trading- ट्रेड में, रिस्क मैनेजमेंट के बारे में जानें।
Risk Management एक वो topic है, जिसे सिखाने के लिए ट्रेडिंग गुरू हजारों से लाखों रूपये चार्ज करते हैं। दरअसल ये ह्युमन साइकोलॉजी का एक पार्ट होता है। बात सिर्फ छोटी सी है, पर ट्रेडिंग पर किताबें लिखने वालों नें “ग्रंथ” और ट्रेडिंग कोचिंग वालों ने इस पर पूरे महिने के कोर्स का एक “पैकेज” बना कर रख दिया है।
अगर सिखाने वाले को सिखाने का सिंपल तरीका आता हो,- और इसके साथ ही सिखने वाला अगर दिल से सिखना चाहे, तो ये रिस्क मैनेजमेंट का मुद्दा कुछ भी नहीं है।
आइये हम आपको सिखाते हैं, कि आखिर ये रिस्क मैनेजमेंट किस चिड़िया का नाम है।
इसका अर्थ इसके नाम में ही छुपा है। रिस्क मैनेजमेंट मतलब– “ट्रेडिंग करते समय अपने रिस्क को मैनेज करते हुए चलना।”
इसे समझने के लिए हम 100000 रूपये का एक Example लेते हैं।
अगर आपके पास अपने खर्चे और सेविंग अमाउंट से अलग 100000 रूपये “एक्सट्रा” ऐसे है, जिससे आप ट्रेडिंग करना चाहते हो– तो आप उस 100000 रूपये में से कितने परसेंट रिस्क झेलने की क्षमता रखते हैं। मान लिजिए 100000 रूपये में से 10000 रूपये ऐसे हैं- जिनके डूब जाने पर आपको ज्यादा दुख नहीं होगा। तो आपको इन 10000 रूपये से ही ट्रेडिंग करनी चाहिए।
डायवर्सिफिकेशन (Diversification)
अब बात आती है, इस 10000 रूपये की डायवर्सिफिकेशन की। एक कहावत है, अगर सारे अंडे एक ही टोकरी में रखोगे तो ये भी हो सकता है, की खराब टाईम आने पर अगर टोकरी गिरी,-तो सारे अंडे एक साथ टूट जाएंगे।
इसलिए हम भी 10000 को 2000 के पांच भागों बाट लेंगे। अब इनमें से हर भाग में 2000 रूपये हैं।
अब हम अपनी रिस्क मैनेजमेंट वाली स्ट्रैटेजी की Accuracy चैक करने के लिए एक सिक्का लेकर Toss करेंगे।
अब अगर हम ये सोचें की सिर्फ “हैड” ही आए तो हम Win हों, तो एक पेपर और पैन लो-सिक्का हवा में उछालो। जितनी बार भी हैड आया,-उसे नोट करलो। अब अगर पांच में से दो ट्रेड में हैड आया, और बाकी तीन में टेल— तो दो बार जितने पर भी आप फायदे में रहोगे। इसका मतलब ये होगा की आपने अपने इन्वैस्टिड पैसे के 40 % हिससे से 60 % हिससे के लोस को भी कवर कर लिया और अलग से प्रोफिट भी कमा लिया। ये रिस्क-टू-रिवार्ड रेश्यो पर डिपेंड करेगा।
अगर गलती से आप सिर्फ एक बार भी सफल होते हो तो आपकी सिक्के वाली ट्रेड -“नो प्रोफिट और नो लोस” का रिज़ल्ट देगी।
अगर गलती से आप तीन या चार बार भी सफल होते हो, तो इस खुशी में अगली बार ट्रेड करते टाईम ओवर-कान्फिडेंट मत होना, और ना ओवर ट्रेडिंग करना। क्योंकि ट्रेडिंग-टैक्निकल कम है। ह्युमन साइकोलॉजी ज्यादा है।
अगर आपके दिन इतने बुरे चल रहे हों की सारी की सारी ट्रेड्स लोस हो जाऐ, मतलब अगर सारे अंडे टूट जाऐं। तो किसी पंडित को बोलकर अपने दिन चैक करवाऐं, या ट्रेडिंग भूल जाऐं।
इसे ही रिस्क मैनेजमेंट वाली ट्रेड कहते हैं।
“नोट:- ये ट्रिक आप्शन ट्रेडिंग में अप्लाई होती है। Weekly या Monthly आप्शन एक्सपायरी वाले दिन ट्राई मत करो ।”
Happy Trading