HDFC Shares Downfall- एचडीएफसी बैंक के शेयरों ने तीन साल का सबसे नैगेटिव रिटर्न दिया।

Shareholding Pattern से जानें पूरी बात

Promoter किसे कहते हैं ?

कॉर्पोरेट कानून में, एक प्रमोटर किसी निगम या व्यावसायिक उद्यम का संस्थापक “Owner” या आयोजक होता है। वह व्यक्ति जो किसी व्यवसाय को बनाने या व्यवस्थित करने की पहल करता है।

FIIS किसे कहते हैं ?

किसी भी अर्थव्यवस्था में विदेशी संस्थागत निवेशक FIIS बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये विदेशी निवेश बैंक, म्यूचुअल फंड आदि जैसी बड़ी विदेशी कंपनियां हैं, जो भारतीय बाजारों में काफी मात्रा में पैसा निवेश करती हैं। FIIS के पास कई करोड़ रूपये के फंड उपलब्ध रहते हैं। ये इस फंड का इस्तेमाल करके मार्केट में डिमांड और सप्लाई का खेल खेलते हैं, और अपने हिसाब से भारतीय बाजारों को आपरेट करने की क्षमता रखते हैं। ऐसा करने के पीछे इनका मकसद सिर्फ प्रोफिट जनरेट करना होता है।

DIIS किसे कहते हैं ?

घरेलू संस्थागत निवेशक DIIS वे संस्थागत निवेशक हैं जो जिस देश में स्थित हैं, वहां की प्रतिभूतियों और अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं। घरेलू संस्थागत निवेशक DIIS वे संस्थागत निवेशक हैं जो जिस देश में स्थित हैं, वहां की प्रतिभूतियों और अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं। इनके पास भी कई करोड़ फंड होता है, पर FIIS से कम। ये भी मार्केट को आपरेट कर सकते हैं।

Public किसे कहते हैं ?

भारतीय शेयर बाजार में “पब्लिक” का अर्थ है- “पब्लिक” मतलब आप और हमारे जैसे छोटे इन्वेस्टर, जो शेयर खरीदते और बेचते है। पब्लिक कभी भी मार्केट को कंट्रोल नहीं कर सकती। क्योंकी पब्लिक के पास इतना फंड नहीं है की वो मार्केट को अपनी डायरेक्शन के हिसाब से कंट्रोल कर सके। पब्लिक को मार्केट के ट्रेंड के हिसाब से ही चलना होता है। उसी में फायदा है, वरना नुकसान।

30 जून को, भारत की नंबर 1 हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड और भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंकों में से एक एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने विलय की प्रभावी तिथि 1 जुलाई, 2023 को मंजूरी दे दी और 13 जुलाई, 2023 को रिकॉर्ड तिथि के रूप में तय किया गया।

पर इसका असर “जुलाई-अगस्त-सितंबर” के Quarter में नजर आया। HDFC के Promoters ने अपने शेयर्स की हिस्सेदारी FIIS को, DIIS को और Public में ट्रांसफर कर दी। तब से लेकर अब तक दो Quarter बीत चुके हैं, तीसरा Quarter अभी चल रहा है।

HDFC Bank Share Price volatile है। Bank Nifty index भी volatile है।

HDFC Bank की कमान अब FIIS के हाथों में है। FIIS पूरी दुनिया में ट्रेड करते हैं। इस समय की World situation की वजह से पूरी दुनिया की अर्थवयवस्थाओं के हलात ठीक नहीं हैं।  भारत अभी इन सभी हालातों से बचा हुआ है। FIIS के लिए अपना घाटा पूरा करने के लिए भारत सबसे अच्छी मार्केट है। ये भी कह सकते हो की  इस समय HDFC, – FIIS  के  द्वारा आपरेट किया जा रहा है। अगर HDFC बैंक के 50% स्टेक FIIS के हाथ में है, तभी Bank Nifty भी लगातार unstable हो रही है।

मार्केट-कैप के हिसाब से HDFC Bank सभी बैंकों में सबसे बड़ा बैंक है। Bank Nifty मे 15 बैंक आते हैं । जिनमें से HDFC Bank एक तरफ और दूसरी तरफ बाकी के 14 बैंक।

HDFC Bank के Index Movement को beat करने के लिए बाकी के 14 बैंकों को एक साथ अच्छा परफोर्म करना पड़ेगा।

फिलहाल FIIS ही HDFC Bank को आपरेट कर रहे हैं, तो उसी हिसाब से Bank Nifty भी आपरेट हो रहा है।

शेयर बाजार से प्रोफिट कैसे कमाऐं ?

आज के समय में शेयर मार्केट के सभी टैक्निकल इंडिकेटर्स फेल हैं, क्योंकी Nifty और Bank Nifty की Main Growth Line यानि HDFC Bank – FIIS के हाथों में है। अगर प्रोफिट कमाना हो, तो FIIS और DIIS को Follow करो।

कैंडल स्टिक पैटर्न और कुछ जरूरी टैक्निकल इंडिकेटर्स और ओसीलेटर्स का यूज़ करे। रिस्क मैनेजमैंट के रूल्स को स्ट्रिक्टली फोलो करें। जहां जरूरी हो हैजिंग के रूल्स यूज करें। सबसे जरूरी है, चार्ट पैटर्न में से अपनी ट्रेड के अनुसार की टाईमिंग मैच करके उसे फोलो करना। ट्रेड में प्रोपर ऐंट्री और एग्जिट की टाईमिंग का यूज करना। इनमें से कोई एक स्ट्रैटेजी कभी भी कोई फायदा नहीं दे सकती। इसलिए एक साथ तीन या चार स्ट्रैटेजीज़ का प्रयोग करें। क्योंकि कई बार एक स्ट्रैटेजी की कंडिशन जब सैटिस्फाई होती है-तो उसकी कंफर्मेशन दूसरी स्ट्रैटेजी देती है, और दूसरी स्ट्रैटेजी की कंडिशन जब सैटिस्फाई होती है-तो उसकी कंफर्मेशन तीसरी स्ट्रैटेजी देती है, और रिजल्ट एक्युरेट निकलकर आता है। और ट्रेड में प्रोफिट होता है।

“Happy Trading”

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