Basics of Option Trading-आप्शन ट्रेडिंग का बेसिक क्या है?
हम शेयर मार्केट में शेयर खरीदना और बेचना तो जानते ही हैं।
शेयर खरीदने के लिए आपको उस शेयर का जो रेट बाजार डिसाईड करता है, वो उसी रेट पर खरीदना पड़ता है। अगर quantity ज्यादा खरीदोगे और लंबे टाईम के लिए उसे होल्ड करोगे, तभी उसमें आपको फायदा मिल सकता है। नोर्मली आपको एक से चार या पांच साल या उससे ज्यादा टाईम के लिए हो्ड रखना होगा।
जब्कि Option बेसिकली एक कान्ट्रैक्ट होता है। जिसे सिर्फ ट्रेड को सिक्योर करने के लिए बनाया गया था, जिसे आजकल टैक्निकली कहा जाता है- Hedging । पर आजकल ये कम से कम समय में ज्यादा फायदा देने वाला ट्रेडिंग टूल बन चुका है। Option Trading में बोहोत सारी Technical Terms हैं। जो इस पोस्ट में कवर नहीं की जा सकती। पर उनमें से कुछ जरूरी Terms कवर करने की कोशिश की जा सकती हैं।
किसी कंपनी का Option या किसी Index Option आप बोहोत सस्ते रेट पर खरीद सकते हो। आईये समझाते है इसे।
1. मान लो किसी कंपनी के एक शेयर का रेट 100 रूपये चल रहा है। और अगर आपने एक एस्टिमेट लगाया, कि अगर आप उसके 1000 शेयर खरीदोगे तभी आपको एक साल में वो 10% का फायदा देगा। जो की काफी लंबा वक्त होता है।
2. अगर ये 10% का बैनिफिट आपको उसी शेयर का आप्शन, सस्ते रेट में खरीदने पर सिर्फ 15 या 20 मिनट में मिल जाए तो कैसा होगा। कुछ ही मिन्टों की ट्रेड में आप 10% से लेकर अनलिमिटीड प्रोफिट कमा सकते हो।
लेकिन अगर आप कोई Naked-Option-Buy करते हैं, या Sell करते हैं, तो इसमें जितनी तेजी से Profit होता है, उतनी तेजी से Loss भी हो सकता है। क्योंकि में प्रिमियम सेकेंडस के अंदर अंदर कई बार Fluctuate होते रहते हैं। इन पर द्वारा कंट्रोल करके ही प्रोफिट कमाया जा सकता है।
इसलिए इसमें फायदा कमाने के लिए और अपने Loss को Protact करने के लिए आपको हमेंशा अपनी ट्रेड की पोजीशन को Hedge करके चलना होता है। Hedging में कई Strategies का ईस्तेमाल किया जाता है। जैसे Short Straddle, Iron Butterfly, Bull-Call-Spread, Put-Call-Spread, Iron Condor, Neutral Strategy। या फिर Scalping or Intraday Strategies का भी यूज किया जा सकता है। इन Strategies का ईस्तेमाल अगर आप अपनी Option Trading में करते हो,-तो मार्केट बेशक आपके View के Against चली जाए, वो आपको फायदा देगी ही देगी। खरीदने के लिए Margine का बैनेफिट भी अलग से मिलेगा।
अब बात आती है की आपको मार्केट के Levels कैसे पता चलेंगे, यानि शेयर बाजार में कोई भी अप या डाउन की मूवमेंट होने से पहले आपको अगर ये पता चल जाए की मार्केट अगर गिरी- तो किस Level तक गिरेगी। और अगर मार्केट उपर उठी तो किस लेवल तक जाकर रूक जाएगी- और फिर उस लेवल से मार्केट की अगली डायरेक्शन क्या रहने वाली है ?
उस टूल का नाम है –“Option Chain” । इसकी तीन Terms होती हैं– 1. In The Money, 2. At The Money, 3. Out of The Money.
हर Term में Premium का रेट अलग होता है, और उससे होने वाला Profit भी अलग होता है। Time Value एक सबसे important फैक्टर होता है। जिसके कम होने को Theta Decay कहते हैं। ये डिसाइड करता है कि जो Premium हमने खरीदा हुआ है, उसमें हमें कितना Profit या Loss हो सकता है। इसकी Value को कंट्रोल में रखने के लिए और Profit कमाने के लिए In The Money Option खरीदने की सलाह दी जाती है। In The Money Option में Theta Decay को Intrinsic Value मैनेज करके रखती है। और Profit को कई गुणा increase कर देती है।
Breakeven Point भी इनसे जुड़ी एक सबसे important Term है। Breakeven Point के लेवल पर आपका ट्रेड हमेंशा No Profit or No Loss रहता है। यहां से आगे आपको Profit होगा या Loss, ये Decide करता है- आपका View और ITM, ATM OTM, Call or Put और शेयर मार्केट का Trend ।
Option Chain के नंबर हमें मार्केट के ग्राफ के चार्ट पर मूवमेंट पर होने से कई घंटों पहले ही बता देते हैं। Option Chain, शेयर बाजार की मूवमेंट की Dot-to-Dot रिपोर्ट हमें देता है। Option Chain जो prediction करती है, वो होकर रहता है। इसकी टोटल 9 Scenarios होते हैं, और शेयर मार्केट उन्ही 9-Scenarios में रहकर रिजलट देती है। ट्रेड में कब Enter करना है, और कब ट्रेड से Exit होना है, Option Chain हमें ये भी बताती है। मार्केट की टोटल 9 Probabilities होती हैं, उनसे ही मार्केट की Demand and Supply का खेल चलता है। ये permutation and combination के 9-Scenarios हैं। इनसे अलग कोई दसवां Scenario, या दसवीं Probability कहना ही मजाक होगा।
Normally जो लोग ट्रेड करते हैं, वो पहले – मार्केट के चार्ट पर मूवमेंट देखते हैं– फिर वो ये डिसीज़न लेते हैं की क्या करना है। खरीदना है-या बेचना है। पर तब तक मार्केट भी पलटी मार चुकी होती है,और उन्हें Loss हो जाता है।
जब्कि रूल ये कहता है की मार्केट से चार कदम आगे की सोच लेकर चलोगे- तो फायदे में रहोगे। और इसके लिए आपको Option Chain के नंबर की भाषा समझ में आनी चाहिए। जो लोग Option Chain पर भरोसा रखते हैं, वो शेयर मार्केट में कभी धोखा नहीं खा सकते। Option Chain एक इतना एडवांस टूल है, अगर आपने उसे रीड करना सीख लिया तो आप उसके डाटा के बेस पर मार्केट से हर महीने बैठे बैठे नोट छाप सकते हो।
Rnning मार्केट में चार्ट पर जब candle sticks बनती हैं, वो ग्रीन कैंडल से कब रैड हो जाए और डिप ले जाए, या रैड से अचानक ग्रीन होकर उपर की और राकेट बन जाए,-इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। सिर्फ चार्ट के भरोसे ट्रेड करना एक तरह से तुक्का ही है।
एक एडवांस Option Chain का उदाहरण नीचे दिया गया है।